कहानी लिखते लिखते
कुछ पात्रों का ख्याल आया
कुछ अलग से थे
कुछ को अपने जैसा पाया
कुछ पात्रों का ख्याल आया
कुछ अलग से थे
कुछ को अपने जैसा पाया
सबकी शुरुआत एक सी थी
सबका अंत भी एक सा था
कुछ नाखुश थे
और कुछ को खुश पाया
सबका अंत भी एक सा था
कुछ नाखुश थे
और कुछ को खुश पाया
सबके खून का रंग एक सा था
सबका दिल एक सा धड़कता था
कुछ खुद के लिए जी रहे थे
और कुछ को दूसरों को जीवन देता पाया
सबका दिल एक सा धड़कता था
कुछ खुद के लिए जी रहे थे
और कुछ को दूसरों को जीवन देता पाया
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