समस्या कोई भी हो उसका सम्बन्ध हमारे सोचने से अवश्य जुड़ा होता है।
कुछ भी प्रॉब्लम हो उस समय हम कैसे सोचते हैं और क्या एक्शन लेते हैं वह इस बात का संकेत है की प्रॉब्लम का हल निकलेगा या प्रॉब्लम और बड़ जायेगी।
हमें हर मुश्किल की घड़ी में कॉम रहकर सोच समझकर अगला कदम उठाना चाहिए।
इंस्टेंट रैक्शन्स प्रॉब्लम में कैटेलिस्ट की तरह काम करते है।
कुछ भी प्रॉब्लम हो उस समय हम कैसे सोचते हैं और क्या एक्शन लेते हैं वह इस बात का संकेत है की प्रॉब्लम का हल निकलेगा या प्रॉब्लम और बड़ जायेगी।
हमें हर मुश्किल की घड़ी में कॉम रहकर सोच समझकर अगला कदम उठाना चाहिए।
इंस्टेंट रैक्शन्स प्रॉब्लम में कैटेलिस्ट की तरह काम करते है।
जरा सोचिये!!
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