अक्सर सुबह इस नीम के पेड़ के नीचे कुछ पल बिताती हूँ।
रोज़ इस पेड़ से कुछ प्रेरणा पाती हूँ।
सुन लेता है मन की सब बातें बिन कुछ टिपण्णी के।
अपनी सुहानी हवा से मन को सुकून भी यह दे।
इसकी लहराती हरी पत्तियों को जब देखती हूँ।
इस हलचल से जीवन में जैसे ठहराव सा महसूस करती हूँ।
प्रफुल्लित हो जाती हूँ जब अपने सवालों के जवाब ।
इसकी खुशबु और हवाओं से पा जाती हूँ।
#RashKath