Wednesday, December 14, 2016

Fitrat

खुश रहना फितरत बना
ख़ुशी से बड़े खुशियों का काफिला
जितने भी पल मिले इस जहाँ में
उनको जशन मनाकर चला सिलसिला

Rash Kath

Tuesday, December 13, 2016

Koshish

खुद से खफा होकर कहाँ जाऊं
गर खुद से ही उलझ जाऊं
भूलकर सब अब कुछ पल जी
खुद से नराज़गी अच्छी नहीं
#life
~Rash Kath

खुद से खफा होकर कहाँ जाऊं
गर खुद से ही उलझ जाऊं
भूलकर सब अब कुछ पल जी
"इस ही कोशिश में शायद संभल जाऊँ"
~
Kumar Rishabh Jain

law of attraction