खुश रहना फितरत बना
ख़ुशी से बड़े खुशियों का काफिला
जितने भी पल मिले इस जहाँ में
उनको जशन मनाकर चला सिलसिला
Rash Kath
Wednesday, December 14, 2016
Tuesday, December 13, 2016
Koshish
खुद से खफा होकर कहाँ जाऊं
गर खुद से ही उलझ जाऊं
भूलकर सब अब कुछ पल जी
खुद से नराज़गी अच्छी नहीं
#life
~Rash Kath
खुद से खफा होकर कहाँ जाऊं
गर खुद से ही उलझ जाऊं
भूलकर सब अब कुछ पल जी
"इस ही कोशिश में शायद संभल जाऊँ"
~
Kumar Rishabh Jain
गर खुद से ही उलझ जाऊं
भूलकर सब अब कुछ पल जी
खुद से नराज़गी अच्छी नहीं
#life
~Rash Kath
खुद से खफा होकर कहाँ जाऊं
गर खुद से ही उलझ जाऊं
भूलकर सब अब कुछ पल जी
"इस ही कोशिश में शायद संभल जाऊँ"
~
Kumar Rishabh Jain
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Everyone tries to handle a situation in his own way. There is nothing right or wrong. The one who is facing the situation knows better.